Saturday, 11 August 2018

इतनी देर ना करना


खुद से किया वादा निभाऊँगी
संजोएं हर एहसास को
जब तक मुमकिन हुआ रख पाऊँगी
पर इतनी देर ना करना कि
इंतज़ार के बादलों में यादें धुमिल हो जाए।
उम्मीद का सूरज अस्त हो जाए
फिरअगली सुबह मिलेंगे ज़रूर
पर इतनी देर ना करना
उन राहो की मैं पथिक बन जाऊँ
जहाँ से लौट आना मुमकिन ना हो।।
टूटता तो ब्रह्मांड का हर अंश हैं
फिर मैं  क्या हूँ
बस इतनी देर ना करना
कि इस कदर बिख़र जाऊँ
तुम चाह कर भी समेट ना पाओ ।।



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